कीर्तन करतां श्याम, आँधी रात घिर आयी जी लिरिक्स

Kirtan Karta Shyam Aadhi Raat Ghir Aayi Ji Lyrics

कीर्तन करतां श्याम, आँधी रात घिर आयी जी,
थे कईयाँ देर लगायी जी ।। टेर ।।

तर्ज – कीर्तन की है रात ।

कदसुं बुलावे है, रो रो भगत थांरा, पधारो श्याम जी,
हर पल घड़ी म्हारे, होंठा सुं निकले है, धणी थारो नाम जी,
जोवां थारी बाट, म्हारी आँख्या भी पथरायी जी ।। १ ।।

म्हासूँ अगर कोई, गलती हुयी बाबा, तो दीज्यो थापकी,
कइयाँ सही जावें, म्हासुँ बतावो थे, जुदायी आपकी,
म्हारी भूलां ने, सदा थे साँवरा भुलायी जी ।। २ ।।

जद भी पुकारयो है, थारो भगत थांने, थे आया तावला,
म्हाने भुलाया क्यूँ, थे ‘हर्ष’ कान्हुड़ा, म्हे होग्या बावला,
बेगा आवो श्याम, म्हारे और ना समायी जी ।। ३ ।।

लिरिक्स – विनोद अग्रवाल (हर्ष) जी