लीला घोड़ा म्हाने, तेरी लीला तो दिखा,
पीठ पे बिठाके म्हारे, सांवरे ने ल्या,
श्याम सूं मिला दे, बाबा श्याम सूं मिला ।। पीठ …. ।।
तर्ज – राम सू मिला म्हाने राम ।
तेरे बिना श्याम म्हारो, हाले ना कठे,
जठीने तूं लेके चाले, चाले है बठे,
सगले ले ज्यावे म्हारे, घरां भी तो ल्या,
खाटू हाले सांवरे, का दरश करा ।। श्याम सूं मिला दे … ।।
भगतां पे लीला थोड़ी, दया करदे,
तेरी किरपा सूं म्हारी, झोली भरदे,
बेगो बेगो सांवरे ने, पीठ पे चढ़ा,
सरपट सरपट दौड्यो दौड्यो आ ।। श्याम सूं मिला दे … ।।
छोटो सो मैं दास हूँ, पण तूं तो खास है,
मैं तो घणी दूर बैठ्यो, तूं तो पास है,
भगतां की लीला या भी, आस तो पूरा,
‘हर्ष’ म्हारे सांवरे ने, बेगो सो तूं ल्या ।। श्याम सूं मिला दे … ।।
लिरिक्स – विनोद अग्रवाल (हर्ष) जी