संकट काटो जी साँवरिया, थारो सुणके आयो नाम,
संकट काटो जी,
जय-जय-जय खाटू के वासी-२, जय जय बाबा श्याम ।। टेर ।।
तर्ज – धमाल ।
अनसमझी मं भोत घणेरी, गलती म्हायूँ होगी जी,
नाक रगड़कर माफी माँगां-२, पकड़ा दोनूँ कान ।। संकट ।।
इब तो लाज बचाल्यो दाता, आज बचावण हारी जी,
इतनी कृपा करदो म्हां पर- २, जावे नाहीं आन ।। संकट ।।
एक भरोसो लेकर दाता थारी शरण मैं आन पड़यो,
जे थे देर करो म्हारा बाबा-२, तजस्यूँ दरपे प्राण ।। संकट ।।
टूट न जावे आशा म्हारी, खाटू श्याम बिहारी जी,
श्याम बहादुर या जिन्दगाणी-२, लिखदी थारे नाम ।। संकट ।।