फागुन का मेला आया, खाटू चलेंगे अब तो, बाबा ने है बुलाया – २ ।। टेर ।।
तर्ज – मौसम है आशिकाना ।
दिल में उठी उमंगें, अरमां मचल रहे हैं,
खुशियों के दीप जगमग, हृदय में जल रहे हैं,
साकार होगा सपना, हमने है जो सजाया – २ ।। फागुन…..
लाखों ही लोग आते, आशाएँ लेके मन में,
अपनी व्यथाएँ रखते, श्री राम के चरण में,
होती सुनायी सबकी, जिस भाव से जो आया – २ ।। फागुन…..
ठण्डी हवा का झोंका, संदेशा ला रहा है,
मिलने का है ये मौसम, बाबा बुला रहा. है,
चलो श्याम की नगरिया, छोड़ो ये झूठी माया – २ ।। फागुन…..
जिस पर कृपा प्रभु की, वो ही तो दर पे जाते,
‘बिन्नू’ वो भाग्यशाली, बाबा जिन्हें बुलाते,
रहती है उनके सर पे, बाबा की छत्र-छाया – २ ।। फागुन…..
लिरिक्स – बिन्नू जी