दिखता है चुपचाप साँवरा बोलता है लिरिक्स

Dikhta Hai Chupchap Sanwara Bolta Hai Lyrics

दिखता है चुपचाप साँवरा बोलता है,
इक रस्ता होता बंद चार ये खोलता है,
कर ले भरोसा इस पे काहे डोलता है,
इक रस्ता होता बंद चार ये खोलता है ।। टेर ।।

तर्ज – अपने दिल का हाल ।

कहता है जब दर मेरे आवो, इक हारे को साथ ले आओ,
पग-पग तेरे साथ चलूँगा, तुम हारे का साथ निभावो,
बन कर लखदातार कर्म ये तोलता है ।। इक ।।

कर्मो से तुम ना घबराना, धर्म को अपने भूल ना जाना,
झूठे माया के बंधन में, बंध कर जग में झूल न जाना,
स्वार्थ की दुनिया के भेद ये खोलता है ।। इक ।।

जीवन गाथा मेरी पढ़लो, कहता मेरी राहों पे बढ़लो,
चलके मेरी राह पे प्यारे, तुम अपनी तकदीर को गढ़लो,
कैसे जीये हम जीवन हम पे छोड़ता है ।। इक ।।

मैं प्रेमी का साथ निभाऊँ, उसको हरदम ये समझाऊँ,
जब जब भटके मेरा ‘रोमी’, मैं तो उसको राह दिखाऊँ,
रंग खुशी के जीवन में ये घोलता है ।। दिखता ।।

लिरिक्स – रोमी जी