भोले भंडारी तूं, बड़ा अवढरदानी है,
ये बात सदा तेरी, देवों ने भी मानी है ।। टेर ।।
तर्ज – फरियाद मेरी भगवन ।
दिल खोल के देता है, कभी कम न पड़ेगा वो,
जो प्रेम से नाम जपे, बड़ी मौज उड़ाता वो,
हे वैद्यनाथ दाता, नहीं तेरा शानी है ।। ये बात…।।
जो शरण तेरी आया, मनवांछित पाया है,
हे अलख निरंजन तूं, हर सह में समाया है,
हे अगड़बंम तुमको, कहते शमशानी है ।। ये बात… ।।
खुद भस्म रमा तन पे, बाघंबर पर बैठे,
कैलाश में वास तेरा, हिमगिरी में तुम रहते,
दातार नहीं तुझसा, ना किसी से छानी है ।। ये बात…।।
ये दास तेरा ‘सांवर’ पड़ा शरण तेरी स्वामी,
जानो इसके दिल की, तुम हो अन्तर्यामी,
कर महर नजर इसपे, ना छुपी कहानी है ।। ये बात…।।
लिरिक्स – सांवर जी