बजरंगी नाचे रे, श्रीराम के दरबार में,
ठुमका, लगा ठुमका, लगा ठुमका, लगा छम-छम-छम ।। टेर ।।
तर्ज – झुमका गिरा रे ।
राजतिलक की है तैयारी, रामादल हरषाये,
राम नाम बिन मोती माला, बाबा को ना भाये,
राम बसे क्या दिल में तेरे, किसी ने है उकसाया,
भरी सभा में चीर के सीना, राम का दर्श कराया – २ ।। बजरंगी ।।
लाल लंगोटा हाथ में घोटा, पांव पैजनियां साजे,
सियाराम की धुन में खोया, मस्ती में है नाचे,
राम नाम की लगन लगायी, सुधबुध है बिसरायी,
मन ही मन सीता हर्षाये, लेवे आज बलायी – २ ।। बजरंगी ।।
राम प्रभु की आँख का तारा, लक्ष्मणजी का प्यारा,
सीने में सियाराम बिराजे, भक्त शिरोमणी न्यारा,
श्रीराम का ध्यान लगाये, राम की महिमा गाये,
‘हर्ष’ कहे खड़ताल बजाये, राम सिया को रिझाये – २ ।। बजरंगी ।।
लिरिक्स – विनोद अग्रवाल (हर्ष) जी