बाबा उन भगतों के, वश में हो जाते हैं लिरिक्स

Baba Un Bhakto Ke Vash Mein Ho Jaate Hai Lyrics

बाबा उन भगतों के, वश में हो जाते हैं,
रोज नियम से, श्याम को जो भी, भजन सुनाते हैं ।। टेर ।।

तर्ज – सावन का महीना पवन करे शोर ।

सुर ना ही ताल देखे, देखता ये भाव है,
बढ़ जाता साँवरे का, उनसे लगाव है,
उन के घर में बाबा, नित आते जाते हैं ।। रोज … ।।

रीझता नहीं है बाबा, दौलत के जोर से,
खींचा चला आये केवल, भजनों की डोर से,
भजनों के लालच में ये दौड़े आते हैं ।। रोज … ।।

श्याम मिलन का ‘माधव’, भजन ही है जरिया,
मिलता है भजनों से ही मेरा सांवरिया,
श्याम प्रभु आ करके, उन्हें दरश दिखाते हैं ।। रोज … ।।

लिरिक्स – अभिषेक शर्मा (माधव) जी