आ गये तेरी शरण हम, कर दया अपनाइये,
कर दया अपनाइये फिर कर दया अपनाइये-२,
कर क्षमा अपराध सारे, प्यार से बतलाइये ।। टेर ।।
तर्ज – तेरी शरण में आय कर फिर ।
हैं तुम्हारे हम सदा से, तुम ही तो आधार हो,
तुझसा दाता और ना कोई, आप सिरजन हार हो,
कर कृपा हे मुरलीवाले, आ दरस दिखलाइये ।। १ ।।
आपसे कुछ भी छुपा ना, हर जगह खुद आप हो,
जर्रे-जर्रे में समाये, सृष्टि के माँ बाप हो,
मिल गयी तेरी शरण फिर, और ना कुछ चाहिये ।। २ ।।
भाव उज्जवल कर हमारा, क्यूं कि हम अज्ञान है,
ध्यान भक्ति, पूजा, वन्दन, योग का क्या विधान है,
नाम जप कैसे करें ये, आप ही समझाइये ।। ३ ।।
हो गये हम तो समर्पित, आप जानो सांवरे,
कैसे पायेंगे किनारा, है प्रभु तेरे हाथ रे,
दास ‘सांवर’ को भरोसा, खुद ही पार लगाइये ।। ४ ।।
लिरिक्स – सांवर जी