सावन आयो रे, भोले बाबा सावन आयो रे,
पूजन थाल लेकर मैं थारा मंदिर आयो रे,
सावन आयो रे ।।
झूम-झूम के मेघा बरसे, पूजन को मेरा मन तरसे,
सच्ची लगन में हिवड़ा हरषे, ले कांवड़ निकला मैं घर से,
महाकाल कृपा से काल भी, रोक न पायो रे,
सावन आयो रे ।।
बम-बम गाऊं, बाबा तुमको मनाऊं, भांग, धतूरा और दूध चढ़ाऊं,
केसर-चंदन तिलक लगाऊं, रूप नीरखूं, बाबा सब सुख पाऊं,
थारी भक्ति-सेवा से म्हारो, मन भरमायो रे,
सावन आयो रे ।।
करुणाकर करुणा बरसाओ, दास को अब तो दर्शन दिखाओ,
विनती मेरी ना ठुकराओ, मुझको बाबा गले से लगाओ,
थारी शोभा देख के सबरो, मन हरषायो रे,
सावन आयो रे ।।
लिरिक्स – हर्ष मंडलोई जी & शोभा सोनी जी