हाथ पकड़ ले बालाजी,
मेरे दुखड़े मिटाओ ना,
अरे ओ बालाजी,
मेरे कीर्तन में आओ ना ।।
तर्ज – ओ सांवरे मुझे तेरी जरुरत है ।
भूत प्रेत वाले भक्ता मेहंदीपुर में आवे,
हुंकार लगावे थारे है,
जंजीर में जकड़े हुए भक्तों के ताले,
बाबा खुलावे है,
मार के घोटा बालाजी उनके ‘प्रेत भगाओ ना,
अरे ओ बालाजी,
मेरे कीर्तन में आओ ना ।।
तेरे जैसे भक्तों ने राम गुण गाया,
उसका सहारा तुम हो,
रामजी की धुन में जो मगन हो बाबा,
नैया चलाते तुम हो,
सालासर वाले बाबा एक बार तो आओ ना,
अरे ओ बालाजी,
मेरे कीर्तन में आओ ना ।।
इज़्जत जो मुझको तुमसे मिली है,
विश्वास तुम्हारा हर पल,
नैया ‘ललित’ की जो डूबी हुई थी,
उसका सहारा बन कर
इस सारी दुनिया में बाबा भगवा लहराऊंगा,
चारों ओर मे तेरे नाम की ध्वजा लहराऊंगा,
अरे ओ बालाजी,
मेरे कीर्तन में आओ ना ।।
लिरिक्स – ललित माली जी