बोझ परिवार वाला, सांवरे पे छोड़ दे,
मन को तूं श्याम प्रेमियों के संग जोड़ ले,
श्याम के भजन जो, उमंग से तूं गायेगाा,
तुझ पे भी साँवरे का, रंग चढ़ जायेगा ।। टेर ।।
तर्ज – दीनानाथ मेरी बात छानी ।
श्याम ने बुलाया यही, मन में विचार ले,
श्याम भजनों में थोड़ा, वक्त गुजार ले,
श्याम की तरंग, अंग-अंग बह जाएगा ।। तुझ ।।
जैसे जैसे सांवरे से, प्रीत बढ़ जाएगी,
नाम की खुमारी थोड़ी, और चढ़ जाएगी,
नाचेगा तूं झूम के, मलंग बन जाएगा ।। तुझ ।।
खाटूवाली गलियों में, देख ले तूं घूमके,
बिगड़ी बना ले श्याम, चरणों को चूम के,
देखेगा जमाना ‘रोमी’, दंग रह जाएगा ।। तुझ ।।
लिरिक्स – रोमी जी