वो आ गया खाटू वाला वो आ गया खाटू वाला,
वो अहलवती का लाला, हारे को जिताने वाला,
वो आ गया खाटू वाला..
(1) तन केसरिया बागा सोहे,
मोहन मुरली वाला,
वो आ गया खाटू वाला..
(2) शीश मुकुट कानों मैं कुण्डल,
गल पुष्पों की माला,
वो आ गया खाटू वाला..
(3) युमना किनारे गउएं चरावे,
ओढ़े कम्बल काला,
वो आ गया खाटू वाला..
(4) श्याम नाम तू क्यों नहीं लेता,
पड़ा जुबां पे ताला,
वो आ गया खाटू वाला..
(5) भीमसेन के पौत्र लाड़ले,
अहलवती के लाला,
वो आ गया खाटू वाला..
(6) मन्दिर में झूला डलवावे,
झोंटा दे ब्रिज बाला,
वो आ गया खाटू वाला..
(7) एक निशानी और बताऊँ,
श्याम का रंग है काला,
वो आ गया खाटू वाला..
(8) श्याम मंदिर पे दुष्टों ने था,
अपना डेरा डाला,
वो आ गया खाटू वाला..
(9) ‘आलूसिंह जी’ पर कृपा कीनी,
भक्तों का रखवाला,
वो आ गया खाटू वाला..
(10) गर्व तोड़ कर ‘श्याम-बहादुर’,
के हित खोला ताला,
वो आ गया खाटू वाला..
लिरिक्स – आलूसिंह जी महाराज