तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ भजन लिरिक्स

Tere Pyar Ka Aasra Chahta Hoon Lyrics

तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ,
कृपा सिंधु तेरी कृपा चाहता हूँ ।। टेर।।

तर्ज – स्वरचित ।

मैं चाहता हूँ जाने क्यों मशहूर हो तुम,
क्यों भक्तों के कोहिनूर हो तुम,
जरा पास आओ क्यों ऐसे दूर हो तुम,
तुम्हें पास से दखना चाहता हूँ ।। १ ।।

मैं चाहता हूँ मुझपे भी तुम्हारी नजर हो,
तेरे इश्क का मुझपे ऐसा असर हो,
जमाने को भूलूँ बस तेरी खबर हो,
तुम्हें रात दिन सोचना चाहता हूँ ।। २ ।।

मैं भटका हुआ हूँ मुझे राह दिखाओ,
प्रभु प्रेम करना मुझे भी सिखाओ,
जो काबिल नहीं तेरे काबिल बनाओ,
मैं भी तुझे पूजन चाहता हूँ ।। ३ ।।

मेरे सर पे बाबा जरा हाथ धर दो,
प्रभु भव ऐसा मेरे दिल में भर दो,
‘सोनू’ को भी भजनों में मद होश कर दो,
तेरी मस्ती में झुमना चाहता हूँ ।। ४ ।।

लिरिक्स – आदित्य मोदी (सोनू) जी