श्याम के दिवानों को ना है कोई फिकर, किस बात का ना डर,
श्याम जी की रहती उन पे रहम की नजर, जय हो जय हो जय हो ।।
तर्ज – मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं ।
श्याम एक मात्र ही सहारा, है मुझे वो प्राणों से भी प्यारा,
कृपा अगर श्याम की ना होती, फिरता मैं जहाँ से मारा मारा,
जब से मैने पकड़ी है ये श्याम की डगर, रहता बनके हम सफर,
हर कदम पर रहती मुझ पे श्याम की महर, जय हो जय हो जय हो ।।
पानी के बिन नाव ये चला दे, हर दिलों से फूल ये खिला दे,
जो भी रटता नाम है तुम्हारा, मुश्किलें को दूर ये भगा दे,
जिनका है ना कोई उनके साथ है गिरधर, जो भी आया इनके दर,
बाबा श्याम की कृपा का है यही असर, जय हो जय हो जय हो ।।
कभी ना भुलाऊँ करूँ वादा, चाहे तुम सुख दुःख दे ज्यादा,
कभी ना भुलाना तुम मुरारी, चाहता मैं तुमसे आज वादा,
घर पर मेरे पड़ती नहीं है बुरी नजर, श्याम रखते हैं खबर,
श्याम नाम रटते रहो होके बे फिकर, जय हो जय हो जय हो ।।