संदेशो आयो, खाटू से म्हारे बाबा श्याम को – २,
दरबार सजेलो, हबड़े में खाटू हाले श्याम को ।। टेर ।।
तर्ज – म्हारा श्याम रंगीला पलका उघाड़ो ।
रणतभंवर से गणपत आसी, नंदी चढ़ अविनाशी,
सालासर से हनुमान जी, छम छम करता आसी जी ।। संदेशो आयो…
कार्तिक महीनो उत्सव मांड्यो, मन में खुशियां छायी,
भगतां होसी मिलणो, जुलणो, यो बाबो फरमायो जी ।। संदेशो आयो…
जद से यो संदेशो आयो, हिचकी रुक रुक आवे,
‘मित्र मण्डल’ थाने न्यूतो देवण, थारे दर पर आवे जी ।। संदेशो आयो…
आलूसिंह घनश्याम गाडियो, शिव मन में हरषायो,
श्याम बहादुर, श्याम संदेशो, घर घर में भिजवायो जी ।। संदेशो आयो…