मैं घुमा हूँ सारा जमाना, कोई तुमसा नहीं ये भी जाना,
सांवरा ऐसा क्यूं है – २
तर्ज – कंकरिया मार के जगाया ।
सूरत है भोली-भाली, छवि है प्यारी-प्यारी,
जिसे देखते ही फंस जाता है ये संसारी,
क्या गजब का करिश्मा दिखाया – २ ।। सांवरा ।।
तेरी लट है घुंघराली, कानों में प्यारी सी बाली,
तिरछे नैनों की सोखी, करे मतवाली,
कैसा दुनियां पे जादू चलाया – २ ।। सांवरा ।।
तेरे अधरों की लाली, उसपे मुस्कान निराली,
सोहे मुरली ऐसे ज्यूं, अमृत की प्याली,
क्या अनूठा सुधा रस पिलाया – २ ।। सांवरा ।।
माया तेरी तूं ही जाने, बन्दा कोई क्या पहचाने,
तेरी लीला तो कुछ कुछ तेरा प्रेमी जाने,
चक्कर भवरें से जैसे लगवाया – २ ।। सांवरा ।।
करे क्या तुमसे अर्जी, चलेगी तेरी मर्जी,
हम भी बैठे हैं आशा में, कब करोगे मर्जी,
तूं है अपना, गुरु ने बताया – २ ।। सांवरा ।।