सलोने श्याम की झांकी, देख मदहोश मन होता,
सुधी दुःख सुख की ना रहती, भाव लहरों में वो बहता ।। टेर ।।
तर्ज – न झटको जूल्फ से पानी ।
अनुठा स्वांग है इसका, अनोखे नैन मतवारे,
केश घुंघरारे अति कारे, ‘लगे है वो बड़े प्यारे’ – २,
अचानक देखले कोई, सुधी तन मन की वो खोता ।। १ ।। सलोने ।।
सजे तिरछा मुकुट सिर पे, लजीले कानों में कुण्डल,
दमकता तन पे पितांबर, कान्धे पटका लगे सुन्दर – २,
करधनी की गजब लड़ियाँ, जिनमें झंकार सा होता ।। २ ।। सलोने ।।
अधर पे बांसुरी तेरे, मधुर स्वर गुनगुनाती है,
निरख छवि सांवरे तेरी, ये कलियां खिलखिलाती हैं – २,
दास ‘सांवर’ दर्श करके, तेरी बलिहारी है जाता ।। ३ ।। सलोने ।।
लिरिक्स – सांवर जी