ओ कान्हा आ रे, तू आजा मोहन गिरधारी भजन लिरिक्स

O Kanha Aa Re Lyrics

ओ कान्हा आ रेSS5, तू आजा मोहन गिरधारी,
कि तरसे गूजरियां सारी, पुकारे राधा बेचारी ओऽऽ5 ।। टेर ।।

तर्ज – ओ बाबुल प्यारे ।

सूना पड़ा है मधुबन सारा, तेरे बिना ओ कन्हाई-२
आजा सूना यमुना तट, तुझ बिन सूना है पनघट,
सूना-सूना गुजरियों का मन, ओऽऽS … ।। १ ।।

जमुना किनारे गूजरियों के, कपड़ों को कौन चुराये-२
सूनी ग्वालों की टोली, सूने तेरे हमझोली,
सूने-सूने हैं सबके नयन, ओऽSS … ।। २ ।।

भूल गया क्या कुँज गलिन में, तेरा वो रास रचाना-२,
सुनके बंशी मतवारी, नाची गुजरियाँ सारी,
मन का मन से हुआ था मिलन, ओऽSS … ।। ३ ।।

अपना बनाके क्यों बिसराया, ओ निर्मोही बताजा-२,
आझा माखन खाले रे, हमको लाख सताले रे,
“हर्ष” सब कुछ करेंगे सहन, ओऽSS … ।। ४ ।।

लिरिक्स – विनोद अग्रवाल (हर्ष) जी