झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरियाली तीज आज,
राधा संग में झुले कान्हा, झूमे अब तो सारा भाग ।।
नैनन भर के रस का प्याला, देखे श्यामा को नदं लाला,
घन बरसे उमड़ उमड़ के, देखो नृत्य करे ब्रिज बाला,
छमछम करती ये पायलियाँ, खोले मन के सारे राज,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरियाली तीज आज ।।
सावन की आई बहार, टप टप बरसे रे बुहार,
कोयल कुक उठी है कु हु, गाये पपीहा री मल्हार,
गाये राधा कृष्ण संग संग में, गूंजे बंसी की आवाज,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरियाली तीज आज ।।
लिरिक्स – सुभाष चंद्र बोस