झूला झूल रहे प्रिय प्यारी,
तीज हरियाली आयी है ।।
तर्ज – श्यामा श्याम सलोनी सूरत ।
हरी हरी लता झूम रही प्यारी,
छा है रही धरती पे न्यारी,
ऐसा मानो जैसे हरी सवारी,
हर हर वृक्षन में ऋतू ये जोवन लायी है,
झूला झूल रहे प्रिय प्यारी,
तीज हरियाली आयी है ।।
श्यामा श्याम हिंडोरा झूले,
अरस बरस के मन में फूले,
प्यारी बतिया कह कह भूले,
देखो देखो झूलन की ये ऋतू मन भाई है,
झूला झूल रहे प्रिय प्यारी,
तीज हरियाली आयी है ।।