हे दयानिधि घनश्याम, मेरी लाज अब तेरे हाथ हैं,
तुम हो प्रभु पूरण काम, हम सेवक नाथ तुम्हारे हैं ।। टेर ।।
तर्ज – क्यूं भूल गये श्यामा ।
तुम्हें छोड़ जाना नहीं अब तक, एक तुम्हें ही जाना,
बचपन से अब तक हे स्वामी, सब कुछ तुमको माना,
है जनम-२ का प्यार, श्री श्याम ही प्राण हमारे हैं ।। १ ।।
जीवन बगिया तेरी कृपा से, फल और फूल रही है,
गुजर बसर मस्ती से चलता, कलियां महक रही हैं,
तेरी कृपा से हे नन्दलाल, बरसे मस्ती की फुहारें हैं ।। २ ।।
इसी तरह हे नाथ दया का, हाथ शीश पर रखना,
हर पल साथ निभाना स्वामी, सफल मनोरथ करना,
‘सांवर’ है तेरा टास, बैठा प्रभु तेरे सहारे हैं ।। ३ ।।
लिरिक्स – सांवर जी