गजानन्द मैहर करो लिरिक्स

Gajanand Mehar Karo Lyrics

गणनायक महाराज, सुमरां जोड्या दोन्यूं हाथ,
गजानन्द मैहर करो ।। टेर ।।

तर्ज – भरी नगरी में शोर ।

एक दन्त है दयावन्त है, चार भुजावोंवाले,
लम्बोदर, रिद्धि-सिद्धि के दाता, विघ्न मिटाने वाले,
ल्याया मोदक भर-भर थाल, जीमो शिवगौरां के लाल ।। गजानन्द …

अद्भुत तेरा रूप गजानन्द, अद्भुत तेरी माया,
मात-पिता की सेवा कर, वरदान अनोखा पाया,
बन गए देवों में सिरमौर, तुझ बिन मिले ना कोई ठौर ।। गजानन्द …

अगर किसी ने भूल आपको, कारज कोई बनाया,
विघ्न हुए कारज सब अटके, कोई काम न आया,
तुझसे हार गया संसार, तेरी महिमा अपरम्पार ।। गजानन्द …

‘नन्दू’ मिलकर भक्त श्याम के, तुमको प्रथम मनावें,
बरसे रंग कृपा का तेरी, जब हम श्याम रिझावें,
वन्दन तेरा है गणराज, रखना श्याम भक्त की लाज ।। गजानन्द …

लिरिक्स – नन्दू जी