दीदार तेरा मुझको मिले – २, कमल मेरे दिल का खिले,
लेकर उम्मीद बाबा दर तेरे आया ।। टेर ।।
तर्ज – औलाद वालों फूलो ।
बड़ी दूर से चल कर आया, तेरे दरश की आश में लाया,
कितनों की तूने पूरी, कर दी मुरादें।। दीदार…।। १ ।।
सारे जगत में चर्चें हैं भारी, भगतों की तूने बिगड़ी संवारी,
मैंने तो बस ये अरज़ी लगायी।। दीदार…।। २।।
कहते हैं जो भी, दर तेरा आता, अपने भगत की सुनते हो दाता,
‘हर्ष‘ भी छोटी सी ख्वाहिश लाया।। दीदार…।। ३।।
लिरिक्स – विनोद अग्रवाल (हर्ष) जी