बनकर माँझी जीवन नैया, प्रभु तुमको पार लगानी है लिरिक्स

Bankar Manjhi Jeevan Naiya Lyrics

बनकर माँझी जीवन नैया, प्रभु तुमको पार लगानी है,
तेरे दर पर हाथ पसार खड़ा, मैं याचक और तुं दानी है ।।

तर्ज – दरबार मै आकर ।

मै जब भी दर पर आया हूँ, कुछ तुमसे कह नहीं पाया हूँ,
हिम्मत न हुई कुछ कहने की, फितरत मेरी शर्मानी है ।।

दुनिया की रीत रिवाजो से, मै हार गया मै हार गया,
अपने हारे इस बंदे को, तुमको ही जीत दिलानी है ।।

मैंने एक घरौंधा साँवरिया, तिनके चुन चुन बनवाया है,
तिनको के ताने बाने की, प्रभु तुमको लाज निभानी है ।।

तुं समरथ मै कमजोर प्रभु, तेरे जोर पे मै इतराता हूँ,
‘नन्दू’ विश्वास प्रभु साँचा, सांचो पर आँच न आनी है ।।

लिरिक्स – नन्दू जी