दोहा – दूनबन्धु इस दीन की, लाज आपके हाथ,
चरण शरण में रख इसे, कर दो प्रभु सनाथ ।।
चरण शरण में आ गया, दास तुम्हारी श्याम,
तुम जानों सब मेरे दाता – २, अब है प्रभु तेरा काम ।। टेर ।।
तर्ज – देना है तो दीजिये जनम ।
आज तलक तो शरणागत को, नहीं आपने ठुकराया,
जो आ गया भरोसा लेके, कोई भी हो अपनाया,
हे करुणा सागर तुम हो – २, प्रभु अखिल लोक विश्राम ।। चरण…
कर्ता कारण कर्म आप हो, जन मन का आधार तुंही,
अलख निरंजन घट-घट वासी, परब्रह्य दातार तुंही,
पलता हर जीव चराचर, तुम से ही करुणा धाम ।। चरण…
सूरज चांद सितारे तेरी, मस्ती में सब चमक रहे ,
राह ना भूले कभी ये कोई, सही समय का भान रहे,
होते ना विष्मृत कोई, जिनका है जो-जो काम ।। चरण…
कृपा करो हे अन्तर्यामी, मैं भी दास तुम्हारा हूँ,
कब से देखूं राह आपकी, दीद का मैं मतवारा हूँ,
है ‘सांवर’ शरण तुम्हारी, दो दर्शन दयानिधान ।। चरण…
लिरिक्स – सांवर जी