दोहा : नैना दर्शन चाहते, रो-रो करे फरियाद,
दरश दिखा करुणा अयन, मिटे सकल विसाद ।।
चरण कमल का लिया आसरा, तेरा करुणा धाम,
श्याम कहें सब, मुरली वाले, आप हो पूर्ण काम,
दरश प्रभु हमें दिखा दो, प्यार हमपे भी लुटा दो ।। टेर ।।
तर्ज़ – स्वर्ग से सुन्दर ।
दीनी शिरोमणि तुझको, कहे जग ये सारा,
तीन लोक चौदह भुवनों में, तेरा ही नज़ारा,
करुणा सागर जगत नियंता, श्याम तुम्हारा नाम ।। दर्श प्रभु… ।।
तेरी मेहरबानी के, याचक ये सारे,
करदो मुरादें पूरी, आये तेरे द्वारे,
दीनबन्धु तुम पालन करता, हारे के विश्राम ।। दर्श प्रभु… ।।
शरण में आये को तूने, सदा अपनाया,
कभी ना किसी का तुमने, जीव दुखाया,
गीध, अजामिल, गणिका, जैसे, तारे अधम तमाम ।। दर्श प्रभु… ।।
करुणा की मुरत हो तुम, प्रेम के पुजारी,
अब तो दयालु सुधी, ले लो हमारी,
‘सांवर’ दास तेरा गुण गाये, बैठा आठों याम ।। दर्श प्रभु… ।।
लिरिक्स – सांवर जी