चढ़ती है श्याम नाम की, रंगत कभी कभी,
मिलती है प्रेमियों की, संगत कभी कभी ।।
तर्ज – मिलती है जिन्दगी में ।
होती कृपा जो श्याम की, आती हैं वो घड़ी,
कीर्तन में श्याम नाम की, लग जाती है झड़ी,
उठती है दिल में प्रेम की, हसरत कभी कभी ।।
यूं तो हमारा श्याम से, गहरा सम्बन्ध है,
जीवन में श्याम का ही तो, सारा प्रबंध है,
होती मिलन की श्याम से, चाहत कभी कभी ।।
हम संसारी जीव हैं, माया के हैं अधीन,
भटक रहे संसार के, चक्कर में रात दिन,
आने से दर पे मिल रही, राहत कभी कभी ।।
‘बिन्नू’ दयालु श्याम का, पल्ला न छोड़ना,
हरदम ही बाबा श्याम के, पीछे तूं दौड़ना,
देता ये भक्ति-भाव की, दौलत कभी कभी ।।
लिरिक्स – बिन्नू जी