चंचल ये चितवन तेरी गजब का श्रृंगार है भजन लिरिक्स

chanchal ye chitwan teri gajab ka shringar hai lyrics

चंचल ये चितवन तेरी, गजब का श्रृंगार है – २,
गजरों की खुशबू लेके, चलती बयार है ।। र ।।

तर्ज – सौ साल पहले मुझे तुमसे ।

बृजरतन मुकुट तेरे, शीश पे सुन्दर लगता है,
कुण्डल कानों में श्याम, तेरे ज्यों चाँद चमकता है,
गले में बैजन्ती लटके, जाने क्या खुमार है ।। गजरों की…

तेरे घुंघर वाले बाल, दमकते दामिनी के जैसे,
तेरे अधर सुरीले लाल, कि जिनपे बांसुरिया थिरके,
बजती है मिठी धुन में, लगती सुप्यार है ।। गजरों की….।।

तेरे कमर करधनी की, रंगीली लड़ियाँ लटक रही,
तेरी तिरछी चितवन देख, फिजायें जाने बहक गयी,
छवि देख ‘सांवर’ जाये, तुझपे बलिहार है ।। गजरों की…. ।।

लिरिक्स – सांवर जी