श्याम तेरे बिना हमें ज़ीना नहीं,
श्याम तेरे बिना हमें रहना नहीं,
जिस गली में तेरा घर ना हो सांवरे,
उसी गली से हमें तो गुजरना नहीं ।। टेर ।।
तर्ज – अच्युत्तम केशवम, कृष्ण दामोदरम् ।
जब से देखा तुम्हें, हम तुम्हारे हुये,
आप ज्यान से भी ज्यादा हमें प्यारे हुये,
गम जुदाई का और हमें सहना नहीं ।। श्याम तेरे बिना …..
मेरे जीने का मकसद हो तुम सांवरे,
मेरी दुनियां में इज्जत हो, तुम सांवरे,
अब तुम्हारे बिना दिल ये बहलता नहीं ।। श्याम तेरे बिना …..
मेरी स्वांसों में सांवरिया, तुम बस गये,
बड़ी पुरानी है यारी ना हो तुम नये,
सांस जाने से पहले निकलना नहीं ।। श्याम तेरे बिना …..
दिल धड़कता है लेके तेरा नाम ही,
मेरी भक्ति का निकला ये परिणाम ही,
चाहे बदले सभी तूं बदलना नहीं ।। श्याम तेरे बिना …..
लोग कहते हैं श्याम, तुम हो परमात्मा,
लेकिन भक्तों की ‘बनवारी’ हो आत्मा,
बेद ग्रन्थों का ज्ञान हमें सुनना नहीं ।। श्याम तेरे बिना …..
लिरिक्स – जयशंकर चौधरी जी