आता हूं चौखट तेरी चुप सा खड़ा रहता हूं,
मेरा तू ही सहारा है जिसे हर बात कहता हूं।।
तर्ज – जीता था जिसके लिए।
दिल में थे छाले सबको बताए कोई ना समझा मुझे,
आया शरण में जबसे तुम्हारी तूने संभाला मुझे,
दुनियां में हारे का सहारा है….मेरा श्याम,
मेरा तू ही सहारा है जिसे हर बात कहता हूं।।
जग ने सताया हर पल रुलाया धोखा मिला है मुझे,
दर ये बताया तुझसे मिलाया दुख से उबारा मुझे,
सुबह शाम करता में रहता तेरा गुणगान,
मेरा तू ही सहारा है जिसे हर बात कहता हूं।।
नादान था में अंजान था में सब पे भरोसा किया,
जबसे तुम्हारी सेवा मिली है दीवाना तेरा हुआ,
गिरते को फिर से उठाया मेरे श्याम ने,
मेरा तू ही सहारा है जिसे हर बात कहता हूं।।
भजनों से तुझको करता हूं अर्जी जब भी पुकारू तुझे,
कैसे बताऊं लीले चढ़ आते सुनने को अर्जी मेरे,
‘ललित’ है दीवाना तेरा ओ खाटू श्याम,
‘ललित’ है दीवाना तेरा करे गुणगान,
मेरा तू ही सहारा है जिसे हर बात कहता हूं।।
आता हूं चौखट तेरी चुप सा खड़ा रहता हूं
मेरा तू ही सहारा है जिसे हर बात कहता हूं।।
लिरिक्स – ललित & आरती माली जी