उद्धार करो उद्धार करो, जगदम्ब मेरा उद्धार करो।
अपनी ममता के आंचल से, मैया मेरे संताप हरो ॥
तर्ज – दिल लूटने वाले जादूगर।
हे आदि शक्ति हे जगजननी मैं द्वार तिहारे आया हूँ,
ठुकराना नहीं अपना लेना, मैं खुद पे बहुत शरमाया हूँ,
अपनी ममता बरसा करके, मैया मेरी तुम पीड हरो,
उद्धार करो उद्धार करो, जगदम्ब मेरा उद्धार करो॥
संसार समन्दर जैसा है, कोई छोर नजर नही आता है,
माया के थपेड़ो से मैया, कोई बिरला ही बच पाता है,
मुझे दीन समझ, अपनी नजरें, जगदम्ब जरा मेरी ओर करो,
उद्धार करो उद्धार करो, जगदम्ब मेरा उद्धार करो॥
धन-दौलत, महल अटारी माँ, बिन तेरी दया के क्या करना,
तेरी किरपा जगदम्ब सुनो, होगा मेरा सांचा गहना,
‘नन्दू’ ममता की पूंजी से, मैया मेरी ये झोली भरो,
उद्धार करो उद्धार करो, जगदम्ब मेरा उद्धार करो॥
लिरिक्स – नन्दू जी