तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन ।।
सुबह और शाम आती हैं,
रात भर वो रुलाती हैं,
चैन हमको नही आता,
चैन हमको नही आता,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन ।।
चलूँ जब वो न चलने दे,
रूकूं जब वो न रुकने दे,
मिलूँ औरों से न मिलने दे,
मिलूँ औरों से न मिलने दे,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन ।।
तुम्हारी ये और तुम इसके,
हमारी कौन चलने दे,
ये जब जाएगी तुम आओ,
ये जब जाएगी तुम आओ,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन ।।
लिरिक्स – श्री रामगोपाल शास्री जी