तेरे दर का दरबान बना ले, ओ भोले,
हर मुश्किल आसान बना दे, ओ भोले ।।
तेरे दर का दरबान बना ले, ओ भोले,
हर मुश्किल आसान बना दे, ओ भोले,
जब चाहूँ दर्शन तुम्हारा हो जाए,
जब चाहूँ दर्शन तुम्हारा हो जाए,
उज्जैनी मे घर बनवादे, ओ भोले,
तेरे दर का दरबान बना ले, ओ भोले ।।
सबकी बिगड़ी तू ही बनाता, है सबका दाता,
सबकी बिगड़ी तू ही बनाता, है सबका दाता,
मेरा भी उद्धार करादे, ओ भोले,
तेरे दर का दरबान बना ले, ओ भोले,
हर मुश्किल आसान बना दे, ओ भोले,
तेरे दर का दरबान बना ले, ओ भोले ।।
दर्शन का प्यासा हर प्राणी, तुम करदो उपकार,
दर्शन का प्यासा हर प्राणी, तुम करदो उपकार,
मेरी तुझसे पहचान बना दे, ओ भोले,
तेरे दर का दरबान बना ले, ओ भोले,
हर मुश्किल आसान बना दे, ओ भोले,
ओ भोले, ओ भोले ।।
लिरिक्स – गजेन्द्र प्रताप सिंह




