सुन सांवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे,
थक से गए हैं तेरे बेटे के पाँव रे ।।
(दया करो मेरे श्याम, कृपा करो मेरे श्याम)
भटक गया हूँ बाबा सुझे ना किनारा,
तुझको पुकारे एक किस्मत का मारा,
मुझपे करो हे दानी करुणा की छाँव रे,
सुन सांवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे ।।
कैसे सम्भालूँ नैय्या हिच्चकोले खाए,
कांपे है हाथ मेरे पैर लड़खड़ाये,
नदियां का देख कितना तेज है बहाव रे,
सुन सांवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे ।।
दिन के दयाल आजा मुझको संभाल रे,
बीच भंवर से मेरी कश्ती निकाल रे,
‘हर्ष’ नहीं तो ताने देगा सारा गाँव रे,
सुन सांवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे ।।
लिरिक्स – बिन्नू जी, सुनील गुप्ता जी




