श्याम सुमरले, झोली भरले, होज्या मालामाल, साथ यहीं जाना है,
जाना है यही जाना है, ये अनमोल खजाना है ।। श्याम ।।
तर्ज – गाड़ी वाले हमें बिठाले ।
खाली हाथों आया तूं, साथ नहीं कुछ लाया तूं,
आकर वहीं कमाया तूं, सबकुछ यही है लुटाया तूं,
जायेगा क्या साथ तुहारे, सोच जरा तत्काल ।। साथ ।।
धन दौलत जो पास तेरे, उसके हिस्सेदार खड़े,
मौका मिलते ही उस पर, सबके सब ये टूट पड़े,
तेरी चिता ठण्डी होने से, पहले लेंगे निकाल ।। साथ ।।
छीन सके ना कोई भी, श्याम नाम ऐसा धन है,
इसे संजोने की खातिर, प्रभु ने दिया तुझे मन है,
मन की तिज़ोरी कभी ना भरती, चाहे जो भी डाल ।। साथ ।।
जब तक श्वाँस चले तेरे, बंदे श्याम सुमरले तूं,
‘बिन्नू’ उस घर जाने की, अब तैयारी करले तूं,
कितनी पूँजी पास है तेरे, खुद से पूछ सवाल ।। साथ ।।
लिरिक्स – बिन्नू जी