शीशगंज अर्धंग पार्वती, शमशानों के वासी हैं,
संत भक्त सब कह रहे बाबा, शिव भोले अविनाशी है – २ ।। टेर ।।
तर्ज : थाली भरकर ल्याई ।
कभी नहीं संकोच किया तूं, अचल संपदा देने में ।
देव, असुर, मानव, दानव भी, जो कोई आये शरणन में।
अभयदान देते भण्डरी, होऽऽऽ -२, सर्व सुखों की रासी है।। संत भक्त…
बैद्यनाथ अवढर दानी की, महिमा अजब निराली है।
सावण में काँवड़ ले लेके, आते बड़े सवाली हैं।
मनोकामना सबकी पूरी होऽऽऽ-२, करते ये कैलाशी हैं।। संत भक्त…
दास द्वार पे कबसे बैठा, आश लगाये शिव तेरी ।
महर नजर कर इसपे स्वामी, मेटो सब बाधा मेरी।
‘सांवर’ दास आश कर पूरी होऽऽऽ-२, आँख दर्श की प्यासी है।। संत भक्त…
लिरिक्स – सांवर जी