दोहा : शरणागतों की लाज का, तूंही पहरेदार,
तेरी कृपा कटाक्ष से, हो जाये भव पार ।।
तर्ज़ – मिलती है ज़िन्दगी में ।
शरणागतों की लाज तुम, रखते हो सांवरे,
दिल के बड़े उदार हो, सरकार सांवरे ।। टेर ।।
आया शरण में जो तेरी, अपना बना लिया,
करके अभय उसे तूने, कलेजे लगा लिया,
तेरी दया का पाये ना, कोई पार सांवरे ।। दिल के… ।।
नहीं भेद भाव दिल में तेरे, सब ही समान हैं,
क्या सुर असुर नरनार तूं, सबका मुकाम है,
दिलदार, यार प्रीत का, तूं भण्डार सांवरे ।। दिल के… ।।
प्रेमी के प्रेम की परख, ये ही कमाल है,
निर्बल गरीब भक्तों की, रखते सम्भाल हैं,
‘सांवर’ शरण में है तेरी, दातार सांवरे ।। दिल के… ।।
लिरिक्स – सांवर जी