सावन का महीना आए हैं भोलेनाथ,
हवा के कण कण में गूंजे है,
डमरू डम डम आज ।।
तर्ज – सावन का महीना पवन करे सोर ।
शिव ही है सत्य और शिव है अनंता,
शिव ही अनादि और शिव भगवंता,
शिव शंकर की महिमा पर भक्तों को है नाज,
हवा के कण कण में गूंजे है,
डमरू डम डम आज ।।
चिंता नहीं है कोई अब हमें काल की,
क्योंकि कृपा है हम पे उस महाकाल की,
काल भी डरता जिससे वो है भोले सरकार,
हवा के कण कण में गूंजे हैं,
डमरू डम डम आज ।।
लिरिक्स – स्वाति मिश्रा