सहारा क्या कोई देगा, सहारा श्याम देता है,
और तो देके ले लेते, श्याम वापिस ना लेता है ।। टेर।।
तर्ज – न झटको जुल्फों से पानी ।
मदद करता है ये ऐसी, कोई ना जानने पाये,
ये देता चारों हाथों से, कोई भी देख ना पाये,
हर कोई देके दुनियां में, दिखावा उसका करता है ।। १ ।।
दिया जिन-२ को भी भगवन, हर लिये कष्ट ही सारे,
किये खुशहाल उन सबको, कमी कुछ ना रही उनके,
मांगना फिर ना पड़ता है, जो है वो बढ़ता रहता है ।। २ ।।
निराला खेल है इसका, अनोखी है बड़ी शक्ति,
तूं करले बैठकर दिल से, दयालु श्याम की भक्ति,
पदारथ चार पायेगा, यही सद्ग्रंथ कहते हैं ।। ३ ।।
भजन जो भाव से करता, मगन दिन रात रहता वो,
श्याम के साथ में बेसक, बैठकर बात करता वो,
दास ‘सांवर’ सदा से ही यही जन-जन से कहता है ।। ४ ।।
लिरिक्स – सांवर जी