सांचो थारो दरबार, सेवक आयो थारै द्वार,
बाबा ध्यान रखना ।।
तर्ज – होकर दुनिया से दूर ।
घूम्यो सारी दुनियां, मिल्यो ना कोई साथी, जो कह्वै अपना,
संता स सुनी हां, सांचो है एक साथी, श्री श्याम अपना,
श्री श्याम अपना, जग झूठा सपना
बाबा थारो टाबर, बड़ो ही दुखियारो, सतावै है जहां,
थे ही मेरा सब कुछ, पिता और माता, मैं जाऊँगा कहाँ,
मैं जाऊँगा कहाँ, बस रहूँगा यहाँ ।।
लाखों की बनाया हो, मेरो भी संवारोगा, कारज जरुर,
मेरी छोटी नैया, खावै है हिचकोला, ओ मेरे हजूर,
ओ मेरे हजूर, माफ करना कसूर ।।
फूलां स सजावां, थारी या फुलवारी, पधारो घनश्याम,
भगतां बीच बैठो, सुणो थे सैंकी अर्जी, जो लेवे थारो नाम,
जो लेवे थारो नाम, श्री श्याम, श्याम, श्याम ।।