राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से,
मैया करादे मेरो ब्याह,
उम्र तेरी छोटी है नजर तेरी खोटी है,
कैसे करा दु तेरो ब्याह…
जो नही ब्याह कराए, तेरी गैया नही चराऊ,
आज के बाद मेरी मैया, तेरी देहली पर ना आऊ,
आऐगा, रे मजा, रे मजा, अब जीत हार का,
राधिका गोरी…
चंदन की चौकी पर, मैया तुझको बिठाऊँ,
अपनी राधा से मै, चरण तेरे दबवाऊ,
भोजन मै बनवाऊँगा, बनवाऊँगा, छप्पन प्रकार के,
राधिका गोरी…
छोटी सी दुल्हनिया, जब अंगना में डोल्ले गी,
तेरे सामने मैया, वो घूँघट ना खोलेगी,
दाऊ से जा कहो, जा कहो, बैठेंगे द्वार पे,
राधिका गोरी ……
सुन बातें कान्हा की, मैया बैठी मुस्काए,
लेके बलइया मैया, हिवडे से अपने लगाए,
नजर कहि लग जाए, ना लग जाए, ना मेरे लाल को,
राधिका गोरी ……