प्यारा सा मुखड़ा,
घुंघराले केश,
कलयुग का राजा,
खाटु नरेश,
हारे का सहारा है,
मेरा श्याम धणी,
भक्तो का दुलारा है,
मेरा श्याम धणी।।
तर्ज – आने से उसके आए बहार।
बन संवर के बैठा,
ये तो दरबार अपना लगा के,
देख लो करिश्मा,
श्याम चरणों में सर को झुका के,
कष्ट कटे दुखड़े मिटे,
देता छुटकारा है,
मेरा श्याम धणी,
भक्तो का दुलारा है,
मेरा श्याम धणी।।
आ रहे है लाखो,
श्याम बाबा का करते है दर्शन,
ध्यान से जो देखे,
इनके चेहरे में है वो आकर्षण,
दीवाना कर देता,
ऐसा जादुगारा है,
मेरा श्याम धणी,
भक्तो का दुलारा है,
मेरा श्याम धणी।।
जो भी हो जरुरत,
सच्चे मन से तू अर्जी लगा दे,
चाहिए अगर कुछ,
इसकी चौखट पे पल्ला बिछा दे,
कितनो के किस्मत की,
रेखा को संवारा है,
मेरा श्याम धणी,
भक्तो का दुलारा है,
मेरा श्याम धणी।।
मुझको जो कुछ मिला है,
कैसे शब्दों में वर्णन करूँ मैं,
बार बार आकर,
इस दाता के पइया पडूँ मैं,
दिल मेरा यूँ बोले,
‘बिन्नू’ ये तुम्हारा है,
मेरा श्याम धणी,
भक्तो का दुलारा है,
मेरा श्याम धणी।।