प्रेम जता कर कठे गया था श्याम भजन लिरिक्स

Prem Jata Kar Kathe Gaya Tha Shyam Lyrics

प्रेम जता कर कठे गया था श्याम,
म्है इत् उत् ढूँढ़ा, साँवरा जी दिन रात ।। टेर ।।

तर्ज – घूघर्री ।

हेत बढ़ाकर दूर गया क्यूँ श्याम,
म्हारो हिवड़ो कलपे, साँवरा जी दिन रात ।। १ ।।

झलक दिखा कर ल्हु छिप बैठ्या श्याम,
म्हारी निजरां तरसे, साँवरा जी दिन रात ।। २ ।।

थे कलजड़े रा टुकड़ा म्हारा श्याम,
थारी यादां आवे सांवरा जी दिन रात ।। ३ ।।

शीश झुका कर अरज लगावाँ श्याम,
‘रवि’ टेर लगावे, सांवरा जी दिन रात ।। ४ ।।