पितरांको… आशीर्वाद,
म्हाने तो मालामाल करग्यो,
निहाल करग्यो जी,
माला-माल करग्यो जी,
पितरांको… आशीर्वाद,
म्हाने तो मालामाल करग्यो।।
(तर्ज : नखरालो देवरियो)
थे हो म्हारे घर का देवता,
हरदम रहवो सागै,
थारी किरपा से ही म्हे तो,
दिन दिन बढां हां आगै,
पितरांको… आशीर्वाद,
जीवन में धमाल करग्यो,
पितरांको… आशीर्वाद,
म्हाने तो मालामाल करग्यो।।
मावस ने थारे दिवलो चासां,
नितकी धोक लगावां,
पेंडे माही आप विराजो,
थारो देयड़ो खावां,
(म्हारे मनमें आप विराजो,
थारो देयड़ो खावां),
पितरांको… आशीर्वाद,
म्हारी तो देखभाल करग्यो,
पितरांको… आशीर्वाद,
म्हाने तो मालामाल करग्यो।।
सागै रहता सागै खाता,
बै दिन आवै याद,
एक पलभी थानै नही भूल्या,
थारै जाणे के बाद,
पितरांको… आशीर्वाद,
पगपग पे सम्भाल करग्यो,
पितरांको… आशीर्वाद,
म्हाने तो मालामाल करग्यो।।
भूलचूक म्हारी माफ करो हो,
आप बड़ा दातार,
अम्बरीष बोले सागै रहज्यो,
बणकर पालनहार,
पितरांको… आशीर्वाद,
म्हारा पुरा सवाल करग्यो,
(भग्तां का पुरा सवाल करग्यो),
पितरांको… आशीर्वाद,
म्हाने तो मालामाल करग्यो।।