निगाहें फेर क्यूँ बैठे, मेरा तो और ना कोई,
तुम्हारे लाखों दीवाने, मेरा तो और ना कोई ।। टेर ।।
तर्ज – पकड़ लो हाथ बनवारी ।
मैं रह भी पाऊँगा कैसे, हुए जो दूर तुम मुझसे,
इशारा तो करो कोई, खता क्या हो गयी हमसे,
कहूँ दिल की बता किससे, मेरा तो और ना कोई ।। निगाहें ।।
अगर तुम मुस्कुराते हो, तो मैं भी मुस्कुराता हूँ,
मधुर बंशी बजाते हो, तो मैं भी गुनगुनाता हूँ-२,
हँसाते हो त्मैं हँसता हूँ, मेरा तो और ना कोई ।। निगाहें ।।
तुम्हारे ही भरोसे तो, मेरी ये जिन्दगानी है,
मेरी तो प्रीत बस तुमसे, तुम्हीं को ही निभानी है-२,
रुलाए क्यूँ मुझे ‘लहरी’, मेरा तो और ना कोई ।। निगाहें ।।