मैं हार करके आया, मुझे श्याम अब सम्भालो,
मैं ज़माने का सताया, मुझे नाथ अब बचा लो,
मैं हार करके आया, मुझे श्याम अब सम्भालो ।।
तर्ज – मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है ।
इक आस है तुम्हारी, विश्वास है तुम्हारा,
दुनिया से ये सुना है, तू है हारे का सहारा,
बड़ी आस लेके आया, मुझे चरणों में बिठा लो,
मैं हार करके आया, मुझे श्याम अब सम्भालो ।।
बदले में कुछ नहीं है, जो मैं तुम्हें चढ़ाऊ,
आया हूँ तुमसे लेने, तुम्हें क्या मैं देके जाऊ,
आँखों में आँसू लाया, जितना चाहे रुला लो,
मैं हार करके आया, मुझे श्याम अब सम्भालो ।।
बड़ी ठोकरे जहां में, तेरे राज ने है खाई,
आखिर में मेरी किस्मत, मुझे खाटू ले ही आई,
बेटा समझ के बाबा, अपने गले लगा लो,
मैं हार करके आया, मुझे श्याम अब सम्भालो ।।
लिरिक्स – राज पारीक जी




