मुझे बेटा कहकर बुलाना पड़ेगा,
जब जब पुकारू बाबा,
देने सहारा तुमको.. आना पड़ेगा ।।
तर्ज – जो वादा किया वो।
कदम डगमगाए तो,
सहारा भी दोगे,
भटकने लगूँगा तो,
इशारा भी दोगे,
ओ हमसफर.. बनके नज़र,
रस्ता जीवन का तुमको,
दिखाना पड़ेगा,
मुझे बेटा कहके बुलाना पड़ेगा,
बुलाना पड़ेगा ।।
ये माना की भक्तो में,
शामिल नही हूँ,
चरणों के तेरे मैं,
काबिल नही हूँ,
लाख बुरा.. लाख हूँ पापी,
रिश्ता फ़िर भी तुमको,
निभाना पड़ेगा,
मुझे बेटा कहके बुलाना पड़ेगा,
बुलाना पड़ेगा ।।
तुमको पिता हमने,
यूँ ही ना चुना है,
तू हारे का साथी है,
ये हमने सुना है,
अगर सच है ये.. जब भी मैं हारूँ,
तुमको आकर मुझको,
जिताना पड़ेगा,
मुझे बेटा कहके बुलाना पड़ेगा,
बुलाना पड़ेगा ।।
मुझे दोगे दर्शन,
मैं जब दर पे आऊँ,
तुम भी मुस्कुराओगे,
मैं जब मुस्कुराऊँ,
रजनी तेरी.. ‘सोनू’ भी तेरा,
जग को ये भी आकर,
बताना पड़ेगा,
मुझे बेटा कहके बुलाना पड़ेगा,
बुलाना पड़ेगा ।।
मुझे बेटा कहकर बुलाना पड़ेगा,
जब जब पुकारू बाबा,
देने सहारा तुमको.. आना पड़ेगा ।।