सारी दुनिया में मच रयो हेलो,
म्हारो सालासर वालो अलबेलो,
मैं तो बन गयो आ को चेलो,
म्हारो सालासर वालो अलबेलो (म्हारो सेठ बड़ो अलबेलो) ।।
म्हारे सेठ जी की म्हारे ऊपर किरपा घणी,
म्हारो मालिक है बस म्हारा सालासर धणी,
कोई चिंता ना कोई झमेलों,
म्हारो सेठ बड़ो अलबेलो,
मैं तो बन गयो आ को चेलो,
म्हारो सालासर वालो अलबेलो ।।
आ के चरणा की रोज़ म्हाने सेवा मिले,
थारी तनख्वाह मिले खावण ने मिले,
सागे सागे दिखावे है गैलो,
म्हारो सालासर वालो अलबेलो,
मैं तो बन गयो आ को चेलो,
म्हारो सालासर वालो अलबेलो ।।
धन धन म्हारा भागी ऐसो सेठ मिलो,
म्हाने जो भी मिल्यो थारे से ही मिलो,
म्हारे लागे ना एक भी ढेलो,
म्हारो सालासर वालो अलबेलो,
मैं तो बन गयो आ को चेलो,
म्हारो सालासर वालो अलबेलो ।।
‘केशव’ महिमा थारी यूँ ही गातो रेहवे,
थारा मीठा मीठा भजन सुनातो रेहवे,
थारी चौखट पे लाग रयो मेलो,
म्हारो सालासर वालो अलबेलो,
सारी दुनिया में मच रयो हेलो,
म्हारो सेठ बड़ो अलबेलो ।।
लिरिक्स – मनीष शर्मा जी (आसाम)