मेरो मन वृंदावन में अटको लिरिक्स

Mero Man Vrindavan Mein Atko Lyrics

मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरि चरणन में अटको,
बनके जोगन डोलत ब्रज में,
पीवत यमुना जल को,
मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको ।।

मेरो मुझ में कुछ ना मोहन,
तेरी मिट्टी तेरो कण कण,
वृंदावन की कुंज गलिन में,
मिल जाओ प्रभु मुझको,
मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरि चरणन में अटको ।।

इस जोगन के तुम हो साजन,
करना है सब आत्म समर्पण,
अंत समय आनंद मिले मोहे.
बस वेणु के रस को,
मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरि चरणन में अटको ।।

याद में तोरी भई बांवरी,
सुध लो मोरी कुंज विहारी,
अब आओ मेरे प्राण पियारे,
अपनाओ या जन को,
मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरि चरणन में अटको ।।

(गिरधर नागर नटवर नागर तरसे मेरो मन,
खींचे मेरो ध्यान बुलावे तेरो वृंदावन,
बरसे नैना बैरी रैना कब दोगे दर्शन,
यमुना तट पे इक दिन मुझको मिल जाओ मोहन)

लिरिक्स – नवदीप पांचाल शुभ जी